यह हमारा जन्मसिद्ध अधिकार हैहम कभी भीकिसी को भीगरिया सकते है यह हमारा जन्मसिद्ध अधिकार हैहम कभी भीकिसी को भीगरिया सकते है
जिंदगी दाेस्ताें के बिना बेकार है... जिंदगी दाेस्ताें के बिना बेकार है...
हमें इंतज़ार रहता अपने पापा के आगमन का। हमें इंतज़ार रहता अपने पापा के आगमन का।
ये रात भी गुज़र जाएगी जैसे कल दिन भी गुजर गया... मैं भी गुज़र जाउंगा रफ्ता-रफ्ता सूरज-सा ये रात भी गुज़र जाएगी जैसे कल दिन भी गुजर गया... मैं भी गुज़र जाउंगा रफ्ता-रफ्ता स...
गर न होते पेड़ जमीं पर कैसी होती धरती सारी प्रकृति का वजूद न होता हरियाली गुम हो जात गर न होते पेड़ जमीं पर कैसी होती धरती सारी प्रकृति का वजूद न होता हरिया...
हर कोई एक दूसरे को छोड़े जा रहा है। हर कोई एक दूसरे को छोड़े जा रहा है।